Supply Chain Management in Hindi – आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन

बिजनेस के लिए Supply Chain Management बहुत जरूरी है आज हम Supply Chain Management in Hindi देखेंगे और Supply Chain Management से जुड़ी और भी चीजें विस्तार से हिंदी में समझेंगे जैसे Supply Chain Management के घटक, महत्व, विशेषताओं, लाभ, प्रक्रिया, इत्यादि.

इस लेख को पूरा पढ़ें तभी आपको अच्छे से Supply Chain Management समझ में आएगा.

इस लेख को मैंने अलग-अलग भागों में बांट दिया है ताकि आपको Supply Chain Management समझ में अच्छे से आये.

Supply Chain Management in Hindi – आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन क्या है

Supply Chain Management in Hindi
Supply Chain Management का हिंदी मीनिंग आपूर्तिकर्ता (Supplier) से ग्राहक तक सामग्री और सूचना के प्रवाह (Flow) की योजना, आयोजन और प्रबंधन की एक प्रक्रिया होता है और आपूर्तिकर्ता से ग्राहक तक सामान पहुंचाने के लिए एक साथ काम करने वाले परस्पर संगठनों का एक जटिल नेटवर्क है.

Supply Chain Management आपूर्तिकर्ताओं(Supplier) से ग्राहकों(Customers) तक वस्तुओं और सेवाओं का एक प्रवाह(Flow) का प्रबंधन(Management) है जिसमे योजना बनाना, उसे Implement करना और नियंत्रित(Control) करना शामिल है.

Supply Chain Management (SCM) में सबसे बड़ी चुनौतियां Efficiency, गति(Speed) और गुणवत्ता(Quality) हैं इसलिए कंपनियां हमेशा वस्तुओं और सेवाओं (Goods and Services) के उत्पादन(Production) और वितरण(Delivery) में अच्छा क्वालिटी हासिल करने का प्रयास करती हैं. व्यावसायिक दक्षता(Business Efficiency) में सुधार करता है, ताकि वे कम लागत में अधिक लाभ कमा सकें और आपूर्ति की कमी से बच सकें.

आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन के घटक – Components of Supply Chain Management in Hindi

1. Planning (योजना) – Supply Chain Management में सबसे पहले नियोजन बहुत महत्वपूर्ण है, इसका उद्देश्य ग्राहकों की मांग को पूरा करना है, इसमें आवश्यक संसाधनों का प्रबंधन और योजना बनाना, और संगठन के लक्ष्य को पूरा करना और प्रतियोगिता में बने रहना शामिल है.

2. सोर्सिंग (कच्चे माल या सेवाओं की) (Sourcing) – कंपनी का प्रदर्शन कुछ हद तक उसके Supplier पर निर्भर करता है, इसलिए कंपनी के लिए सही Supplier का चयन करना आवश्यक है ताकि सामन सही से डिलीवर हो. सोर्सिंग का प्रमुख हिस्सा जैसे ऑर्डर देना, Inventory का प्रबंधन करना, Supplier के साथ संचार बनाए रखना, Supplier के साथ भुगतान का प्रबंधन करना आदि.

3. निर्माण या बनाना (Manufacturing or Making) – इसके बाद निर्माण(Manufacturing) आता है, यह उत्पादन(Production) के लिए जिम्मेदार है किस प्रकार का कच्चा माल उपयोग करना है, अंतिम प्रोडक्ट्स की जांच करना, खराब को निकालना और कुछ सामान जो कम गुणवत्ता वाले हैं, प्रोडक्ट्स को पैक करना, वितरण को अंतिम रूप देना आदि.

4. वितरण और रसद(Delivery and logistics) यदि सामान या सेवाओं को अच्छी तरह से वितरित किया जाता है तो यह ब्रांड की एक अच्छी छवि बनाता है और यदि ग्राहक द्वारा मांगे गए सामान को उसकी अपेक्षाओं के अनुसार ग्राहक तक पहुंचाया जाता है तो हम कह सकते हैं कि कंपनी का वितरण प्रबंधन अच्छा है. इसके प्रबंधन में डिलीवरी की गति, डिलीवरी Scheduling, भुगतान की विधि, डिलीवरी डिस्पैचिंग, और भुगतान प्राप्त करना आदि शामिल हैं. कंपनी इसे सुचारू रूप से वितरित(Deliver) करने के लिए सड़क, हवाई जहाज, ट्रेन का उपयोग करती है.

5. वापसी प्रणाली (Returning System) – यह डिलीवरी के बाद की प्रक्रिया है जिसमें संगठन आपूर्तिकर्ता(Supplier) को खराब, Expired, कम गुणवत्ता(Low Quality) वाला प्रोडक्ट लौटाता है और फिर आपूर्तिकर्ता(Supplier) खराब प्रोडक्ट को फिर से ठीक करता है.

आपूर्ति श्रृंखला का महत्वImportance of supply chain management in Hindi

1. Supply Chain का प्रबंधन(Management) करके, व्यवसाय के पास सही समय पर और सही मात्रा में सही उत्पाद उपलब्ध होते है.

2. एक अच्छी तरह से प्रबंधित Supply Chain व्यवसायों को कोई भी नय तरह के मांगो में बदलाव का बेहतर जवाब देने में मदद कर सकती है.

3. एक अच्छा Supply Chain Management ग्राहक सेवा में सुधार कर सकता है और ग्राहक को कंपनी के प्रति वफादार बना सकता है.

4. सुव्यवस्थित Supply Chain Management को लागू करने के लिए समय निकालने वाली कंपनियां अपने प्रदर्शन और मुनाफे में सुधार कर सकती हैं वो भी कम लागत में.

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आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन की विशेषताओं – Features of supply chain management in Hindi

1. निगरानी और योजना (Monitoring and Planning) – Supply Chain Management प्रक्रिया के प्रत्येक चरण की निगरानी और योजना बनाना महत्वपूर्ण है ताकि यह सुचारू रूप से चल सके. निगरानी संभावित समस्याओं की पहचान करने में मदद करती है और Supply Chain प्रबंधकों (Managers) की निगरानी और योजना बनाकर सुनिश्चित करती है कि सामान समय पर वितरित किया जाता है और ग्राहकों की अपेक्षाओं को पूरा करता है.

2. मांग का पूर्वानुमान(Forecasting Of Demand) – प्रभावी Supply Chain के लिए कंपनियों के लिए भविष्य की मांग का पूर्वानुमान लगाना महत्वपूर्ण है ताकि वे बेहतर परिणामों के लिए इस पर जल्दी काम करें. मांग के पूर्वानुमान के लिए कई तरीके हैं जैसे प्रवृत्ति विश्लेषण(Trend Analysis), सांख्यिकीय मॉडलिंग(Statistical Modelling), आदि. यह उन्हें आवश्यक सूची के लिए योजना बनाने, संसाधनों को उचित रूप से आवंटित(Allocate) करने और संभावित स्टॉकआउट से बचने में मदद करता है.

3. सूची प्रबंधन (Inventory Management) – Inventory Management जिसमें इन्वेंट्री की सही मात्रा को बनाए रखने और प्रबंधित करने के लिए उपयोग किया जाता है. यदि इन्वेंट्री का स्तर एक निश्चित बिंदु से नीचे गिर जाता है तो यह स्टॉक की कमी पैदा कर सकता है जिससे बिक्री में कमी और लागत में वृद्धि हो सकती है.

4. गोदाम प्रबंधन (Warehouse Management) Warehouse एक ऐसी जगह है जहां ग्राहकों को भेजने से पहले सामान को स्टोर और हैंडल किया जाता है. Warehouse के अच्छे Management के लिए पहली कंपनी को एक योजना बनानी चाहिए जिसमें Warehouse का नक्शा शामिल हो, प्रोडक्ट्स को कैसे स्टोर और हैंडल किया जाएगा और प्रोडक्ट्स को कब प्राप्त और भेजा जाएगा, इसके लिए एक शेड्यूल भी बनाना चाहिए.

5. परिवहन प्रबंधन (Transportation Management) – Supply Chain Management में परिवहन प्रबंधन(Transportation Management) एक महत्वपूर्ण कार्य है. कंपनियों के लिए ग्राहकों की मांग को पूरा करने के लिए आपूर्तिकर्ताओं(Suppliers) से ग्राहकों तक माल की सुचारू आवाजाही आवश्यक है. यह संगठनों को उनकी जरूरतों और बजट के लिए परिवहन के सर्वोत्तम साधन खोजने में मदद करता है.

6. सोर्सिंग और आपूर्ति प्रबंधन (Sourcing and Supply Management) – Supply Chain को सुचारू रूप से चलाने के लिए कंपनियों के लिए सोर्सिंग और आपूर्ति प्रबंधन की अच्छी समझ होना महत्वपूर्ण है. सोर्सिंग एक ऐसा तरीका है जिसमें कंपनियां वस्तुओं और सेवाओं के लिए संभावित आपूर्तिकर्ताओं(Suppliers) को ढूंढती हैं जबकि Supply Chain यह सुनिश्चित करना है कि उन वस्तुओं और सेवाओं को समय पर वितरित किया जाए.

7. आपूर्ति श्रृंखला विश्लेषण (Supply Chain Analysis) – निर्णय लेने के लिए आपूर्ति श्रृंखला विश्लेषण(Supply Chain Analysis) बहुत महत्वपूर्ण है. Supply Chain Analysis का उपयोग कंपनी की आपूर्ति श्रृंखला की ताकत और कमजोरी का पता लगाने के लिए किया जाता है और यह Supply Chain Management की प्रक्रिया को बेहतर बनाने के तरीकों की पहचान करने में भी मदद करता है.

आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन की प्रक्रियाProcess of Supply Chain Management

1. Supply Chain Management(SCM) में पहला कदम बिज़नेस की जरूरतों को समझना है जैसे कि कंपनी किस तरह का Product या सेवा प्रदान कर रही है, इसके ग्राहक कौन होंगे, और अंतिम इसकी Supply Chain कैसी दिखती है और फिर कंपनियां इन सभी चीजों को देख कर अपनी जरूरतों को समझती है.

2. जब कंपनी अपने बिज़नेस की जरूरतों को अच्छी तरह से समझ लेती है तो वे उन जरूरतों को अच्छी तरह से पूरा करने के लिए एक योजना विकसित करना शुरू कर देते हैं. इसमें संभावित Suppliers को ढूंढना और ग्राहकों को उत्पाद(Product) या सेवाएं(Services) भेजने की योजना बनाना शामिल है.

3. जब योजना को सफलतापूर्वक execute हो जाता है. कंपनी प्रदर्शन को ट्रैक करते हैं और उसी के अनुसार अपनी आवश्यकताओं को बदलाव करती है.

आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन के लाभ – Benefits of supply chain management

Supply Chain Management के कुछ लाभ –

1. अच्छा Supply Chain Management काम को आसान आसान कर देता है, कम लागत में हो जाता है, बेहतर ग्राहक सेवा प्रदान करता है आदि.

2. Supply Chain management प्रक्रिया को लागू करके, कंपनी अच्छा प्रदर्शन कर सकती है.

3. इन्वेंटरी नियंत्रण(Inventory Controlling) Supply Chain Management के महत्वपूर्ण लाभों में से एक है क्योंकि इससे कंपनी को अपना पैसा बचा सकती है, यह स्टॉक से बाहर होने के जोखिम को कम कर सकता है.

4. Supply Chain Management की मदद से, कंपनी अपने माल और सेवाओं के प्रवाह में सुधार कर सकती है.

Conclusion

आपने अभी ऊपर Supply Chain Management in Hindi देखा और मुझे आशा है कि आप अच्छी तरह से समझ गए होंगे, अगर आपको समझने में किसी भी प्रकार की समस्या है, तो आप नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूछ सकते हैं, इसके अलावा आप हमारे बिजनेस कैटेगरी में बिजनेस से जुड़ी और भी बातें आप जाकर पढ़ सकते हैं.

धन्यवाद !!

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